ऐसा होता नहीं है सो जाओ ख़्वाब सच्चा नहीं है सो जाओ ख़ुश्क पत्ते हैं खड़-खड़ाने दो कुछ भी होता नहीं है सो जाओ जागने वाले पकड़े जाते हैं वक़्त अच्छा नहीं है सो जाओ आ रही है धुएँ में कुछ सुर्ख़ी रक़्स-ए-शो'ला नहीं है सो जाओ सुब्ह-ए-काज़िब फ़रेब है लेकिन रात धोका नहीं है सो जाओ कोई पहचानेगा 'वक़ार' अभी वक़्त आया नहीं है सो जाओ