दिल में पैवस्त किसी गुल की निशानी देखो आओ जंगल की तरफ़ रात की रानी देखो मेरी आँखों को मयस्सर नहीं सुख के आँसू ये जो पानी है ज़रा इस की रवानी देखो तुम अगर देख चुके हो मिरी आँखों का सराब आओ अब आ के इसी दश्त का पानी देखो इतना प्यासा है कि साहिल पे ज़बाँ फेरता है तुम समुंदर की कभी तिश्ना-दहानी देखो एक पल में तुम्हें दुनिया समझ आ जाएगी इस कहानी से अलग हो के कहानी देखो मिस्र'आ-ए-मौत लगाते हैं सब इस पर 'शहबाज़' ज़िंदगी के लिए तुम दूसरा सानी देखो