इक का घूँट समुंदर इक का पैकर प्यास पानी आब-ए-हयात और सिकंदर प्यास अमृत-बूँद आसमान से टपका पानी गर्म तवे पर एक परिंदा-ए-बे-पर प्यास बीच की एक लकीर ही अब फ़ैसला करे किस के बाज़ू पानी किस की चादर प्यास दोनों बहर-ए-शोला-ए-ज़ात दोनों असीर-ए-अना दरिया के लब पर पानी दश्त के लब पर प्यास रंग-ए-लहू से गुलगूँ आब-ए-नहर-ए-फ़ुरात अहद-ए-वफ़ा का आईना एक समुंदर प्यास शायद इक ख़ंजर ही दिल शादाब करे वो इक तन्हा प्यासा मेरी घर भर प्यास 'तूर' वही हिसार है ग़म-ए-अर्ज़ानी का बाहर की सम्त नक़्श है जो इक पत्थर प्यास