हर इक फ़ैसला उस ने बेहतर किया मुझे आँख दी तुम को मंज़र किया दिल-ए-ख़ूँ-चकीदा मुनव्वर किया तो आँखों का सहरा समुंदर किया लकीरों को रौशन सितारे दिए सितारों को अपना मुक़द्दर किया वहीं डूबने का यक़ीं आ गया जहाँ उस ने हम को शनावर किया उजाला नफ़ी है जब उस ने कहा अँधेरे में थे हम ने बावर किया