किनारे दरिया की वुसअत का ध्यान होते हैं ज़ियादा प्यार से हम बद-गुमान होते हैं हमें बताया गया था कि वो ही मंज़िल हैं हम ऐसे लोग कि जो बे-निशान होते हैं ये प्यार रूह का साया दिखाना जानता है जो लफ़्ज़ होते नहीं वो बयान होते हैं ये हम जो कहते हैं तुम हो तो सब हमारा है ज़रूरतें नहीं होतीं ये मान होते हैं मोहब्बतों में ज़बानें नहीं खुला करतीं जो प्यार करते हैं वो बे-ज़बान होते हैं