मस्ती है कैफ़ियत है नशा है शराब है तेरी निगाह बादा-कदों का जवाब है तेरी नज़र का कैफ़ शराबों की आरज़ू तेरे लबों का रंग गुलाबों का ख़्वाब है ऐ दोस्त आज मिल कि है दिल सख़्त गर्म-जोश ऐ दोस्त आज आ कि नज़र पुर-शबाब है वाजिब सही तिलावत-ए-जाम-ओ-निगार-ओ-गुल दिल को भी पढ़ कि ये भी मुक़द्दस किताब है आया हदीस-ए-दिल में तिरी ज़ात का बयान इस को सुना यहाँ से ये दिलचस्प बाब है हर चीज़ पर जो आज मुसल्लत है बे-हिसी 'शौकत' ज़माना मुंतज़िर-ए-इंक़लाब है