वो दोस्त है और बुरा नहीं है

By ashfaq-husainOctober 27, 2020
वो दोस्त है और बुरा नहीं है
बस मेरे मिज़ाज का नहीं है
दिल मेरा भी कब था ऐसा सादा
वो आँख भी बे-ख़ता नहीं है


उस शख़्स ने फेर ली हों आँखें
ऐसा तो कभी हुआ नहीं है
इक बार मोहब्बतों का बादल
बरसा है तो फिर रुका नहीं है


ये जाँ से गुज़रती साअ'तें हैं
ये दर्द का मरहला नहीं है
कुछ ज़ख़्म वहाँ लगे हैं लेकिन
वो शहर तो बेवफ़ा नहीं है


जो मेरी तलाश में है अब तक
मैं हूँ कोई दूसरा नहीं है
इस अहद की है ये इक ज़रूरत
हिजरत कोई सानेहा नहीं है


96178 viewsghazalHindi