ज़रा वस्ल पर हो इशारा तुम्हारा अभी फ़ैसला है हमारा तुम्हारा बुतो दीन-ओ-दुनिया में काफ़ी है मुझ को ख़ुदा का भरोसा सहारा तुम्हारा मोहब्बत के दा'वे मिले ख़ाक में सब वो कहते हैं क्या है इजारा तुम्हारा रुकावट न होती तो दिल एक होता तुम्हारा हमारा हमारा तुम्हारा निकल कर मिरे घर से ये जान लो तुम न होगा किसी घर गुज़ारा तुम्हारा सुना है किसी और को चाहता है वो दुश्मन हमारा वो प्यारा तुम्हारा करेंगे सिफ़ारिश हम ऐ 'दाग़' उन से अगर ज़िक्र आया दोबारा तुम्हारा