सुनिए ये एक क़िस्सा गुड्डू की सादगी का गुड्डू के मास्टर ने इक दिन ये उस से पूछा गुड्डू मियाँ तुम्हारे पापा का किया है पेशा पेशे का लफ़्ज़ सुन कर गुड्डू न कुछ भी समझा आसान ढंग से फिर यूँ मास्टर ने पूछा गुड्डू तुम्हारे फ़ादर का क्या है काम धंदा गुड्डू ने ख़ामुशी से कुछ देर तक तो सोचा फिर तोतली ज़बाँ में आहिस्तगी से बोला रहते नहीं हैं घर में दिन को तो मेरे पापा मम्मी ही सिर्फ़ मेरी करती है काम सारा