शेर क्या है हुस्न की हर एक शय में जुस्तुजू इक निगार-ए-हुस्न से पर्दे के पीछे गुफ़्तुगू इक उमीद-ए-सुब्ह नूरानी अँधेरी रात में मेहर-ए-ताबिंदा का जल्वा सीना-ए-ज़र्रात में आरज़ू-ए-बहर का क़तरे के दिल में इर्तिआ'श इक हम-आहंगी की फ़ितरत मज़ाहिर में तलाश पर्दा-ए-हर-लफ़्ज़ में पोशीदा मा'नी का शुऊ'र बे-नियाज़-ए-जाम-ओ-साग़र एक रूहानी सुरूर ये लताफ़त माद्दे का बार उठा सकती नहीं शेर की इस्मत हवस की ताब ला सकती नहीं