आज कल जो कसरत-ए-शोरीदगान-ए-इश्क़ है By Sher << जब सजीले ख़िराम करते हैं अब के हम बिछड़े तो शायद क... >> आज कल जो कसरत-ए-शोरीदगान-ए-इश्क़ है रोज़ होते जाते हैं हद्दाद नौकर सैकड़ों Share on: