अदा को तिरी मेरा जी जानता है By Sher << तुम जो चाहो तो रुक भी सकत... एक मुद्दत से मिरी माँ नही... >> अदा को तिरी मेरा जी जानता है हरीफ़ अपना हर कोई पहचानता है Share on: