अजब सी आग थी जलता रहा बदन सारा By Sher << आया है इक राह-नुमा के इस्... देखो तो एक जा पे ठहरती नह... >> अजब सी आग थी जलता रहा बदन सारा तमाम उम्र वो होंटों पे बन के प्यास रहा Share on: