ज़रा महफ़ूज़ रस्तों से गुज़रना By Sher << एक रहें या दो हो जाएँ रुस... ये बादशाह नहीं है फ़क़ीर ... >> ज़रा महफ़ूज़ रस्तों से गुज़रना तुम्हारी शहर में शोहरत बहुत है Share on: