किस तरह से गुज़ार करूँ राह-ए-इश्क़ में By Sher << तस्वीर के दो रुख़ हैं जाँ... पैकर-ए-गुल आसमानों के लिए... >> किस तरह से गुज़ार करूँ राह-ए-इश्क़ में काटे है अब हर एक क़दम पर ज़मीं मुझे Share on: