मोम के पुतले थे हम और गर्म हाथों में रहे By Sher << वफ़ा करो जफ़ा मिले भला कर... नासेह मिरे रोने का न माने... >> मोम के पुतले थे हम और गर्म हाथों में रहे जिस ने जो चाहा हमें वैसा बना कर ले गया Share on: