रात बे-सुध हो के सोएगी यहाँ By Sher << यूँ चार दिन की बहारों के ... अज़-रोज़-ए-अज़ल है कि नही... >> रात बे-सुध हो के सोएगी यहाँ इस लिए सूरज ने पर्दा कर लिया Share on: