तेरे नग़्मों से है रग रग में तरन्नुम पैदा By Sher << हम ही उन को बाम पे लाए और... रंग बदला हुआ था फूलों का >> तेरे नग़्मों से है रग रग में तरन्नुम पैदा इशरत-ए-रूह है ज़ालिम तिरी आवाज़ नहीं Share on: