तिरे इंतिज़ार में इस तरह मिरा अहद-ए-शौक़ गुज़र गया By Sher << छुप छुप के जो आता है अभी ... 'अमीर' अब हिचकिया... >> तिरे इंतिज़ार में इस तरह मिरा अहद-ए-शौक़ गुज़र गया सर-ए-शाम जैसे बिसात-ए-दिल कोई ख़स्ता-हाल समेट ले Share on: