तुम जो चाहो तो रुक भी सकता है By Sher << एक दरीचे से दो आँखें रोज़... अदा को तिरी मेरा जी जानता... >> तुम जो चाहो तो रुक भी सकता है वर्ना किस से रुका है आधा दिन Share on: