कैसे रखता मैं उस परिंदे को अपने दिल के पिंजरे में Admin बेवफा शायरी पिक, बेवफ़ाई << मोहब्बत मुझे थी उसी से सन... नया कुछ भी नहीं हमदम >> कैसे रखता मैं उस परिंदे कोअपने दिल के पिंजरे में...उस बेवफा का तो शौक ही थाडालियाँ बदलने का| Share on: