लफ्ज़ो से कह नहीं सकता ये बात बहोत गंभीर हैRajat Kumar21 Jan 2023 11:26:47 PMDardलफ्ज़ो से कह नहीं सकता ये बात बहोत गंभीर हैउसकी गली के बाहर उसकी पहचान का फकीर हैफकीर का दर्द उसका मेहबूब भी समझ ना सकाउस फकीर का मेहबूब भी कितना बेरहम बे-पीर है Continue Reading... Share on:
taskin-e-dil-e-mahzun na hui wo sai-e-karam farma bhi gaeShayari By 15 Dec 2022 07:52:00 AMGhazaltaskin-e-dil-e-mahzun na hui wo sai-e-karam farma bhi gae is sai-e-karam ko kya kahiye bahla bhi gae tadpa bhi gae hum arz-e-wafa bhi kar na sake kuchh kah na sake kuchh sun na sake yan hum ne zaban hi kholi thi wan aankh jhuki sharma bhi gae [...] Continue Reading... Share on:
मेरी बहोत सी खुशनुमा शामें बहोत पीछे छूट गई Rajat Kumar28 Sep 2022 02:18:29 PMEmotionsमेरी बहोत सी खुशनुमा शामें बहोत पीछे छूट गई उस दौर से जुड़ी हर एक डोर भी अब टूट गई !हर दिन खामोशी से गुजर जाता है पर अंदर शोर होता हैजान कर खुद के दिल को दिखाया मैंने इसलिए खुशियां रूठ गई !!Rajat Akela Dil Continue Reading... Share on:
पागल से थे जो हम बेवजह इश्क़ से उलझ पड़े Rajat Kumar28 Sep 2022 02:17:24 PMEmotionsपागल से थे जो हम बेवजह इश्क़ से उलझ पड़े मुसाफिर था वो और उसे हम ज़िंदगी समझ बैठे खामोश निगाहों ने दिल सवाल में खड़े कर दिएकाफिर थे वो और हम दिल का मेहमान समझ बैठRajat Akela Dil Continue Reading... Share on:
विदा करा कर लाये थे उन्हें तब खुशियो बेसुमार आई थीRajat Kumar28 Sep 2022 02:16:14 PMEmotionsविदा करा कर लाये थे उन्हें तब खुशियो बेसुमार आई थीकभी दूर न होंगे ये बात कंधे पर सिर रख कर बताई थीकही भी जाने से पहले तुमने मुझसे हर बार पूछा मुझसे दूर दूसरी दुनिया मे चले जाओगे ये बात क्यों छुपाई थीRajat Akela Dil Continue Reading... Share on:
बड़े ही अदब के साथ जाम को मैखाने में मुह से लगाया जRajat Kumar28 Sep 2022 02:15:06 PMEmotionsबड़े ही अदब के साथ जाम को मैखाने में मुह से लगाया जाता हैलड़की को पता होता है अपने आशिक़ को थोड़ा थोड़ा सताया जाता हैहम पिये जाम या जाम पिये हमको क्या फर्क पड़ता है यारोंदेखो नई दुनिया के कानून वफादार को ही यहाँ बेवफा बताया जाता हैRajat Akela Dil Continue Reading... Share on: