एक रोज़ उनके दरवाज़े की कुंडी में गुलाब छोड़ कर आय

एक रोज़ उनके दरवाज़े की कुंडी में गुलाब छोड़ कर आये थे
जब हमने हफ्ते भर उनकी गली के बेहद चक्कर लगाये थे
एक तूफान ने उस गुलाब को कुंडी हटा कर रास्ते पर फेंका
हमने अपने मेहबूब को ही वो गुलाब पैरों से मसलते देखा

Rajat Akela Dil

वो खिड़की अब खुलती ही नही जिसमे मेरा चाँद दिखता था

वो खिड़की अब खुलती ही नही जिसमे मेरा चाँद दिखता था !
वो बाज़ार अब नही लगता जिसमे चाँद का ताज़ बिकता था !!
उस तवायफ ने भी नाचना छोड़ दिया वजह पूछी गयी तो
बोली
वो शख्स ही अब नही आता जो सिर्फ मेरे लिए बहकता था !!

Rajat Akela Dil

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