लफ्ज़ो से कह नहीं सकता ये बात बहोत गंभीर हैRajat Kumar21 Jan 2023 11:26:47 PMDardलफ्ज़ो से कह नहीं सकता ये बात बहोत गंभीर हैउसकी गली के बाहर उसकी पहचान का फकीर हैफकीर का दर्द उसका मेहबूब भी समझ ना सकाउस फकीर का मेहबूब भी कितना बेरहम बे-पीर है Continue Reading... Share on: