प्रीत न कीजिए पंछी जैसी Admin पंछी की शायरी, अन्य << कैसे कह दूं मेरा लिखा वेस... अब तक ढूंढ रहा हूँ मैं अप... >> प्रीत न कीजिए पंछी जैसी, जल सूखे उड जाय,प्रीत तो कीजिए मछली जैसी, जल सूखे मर जाय. Share on: