इतना किसी को सताया नहीं करते… हद से ज़्यादा किसी को तड़पाया नहीं करते… जिनकी साँसें चल्ती Admin तड़प शायरी हिंदी, इश्क << एक मैं हूँ तेरी नशे वाली आँखों का बड़... >> इतना किसी को सताया नहीं करते…हद से ज़्यादा किसी को तड़पाया नहीं करते…जिनकी साँसें चल्ती हों आपके लफ़्हज़ों से…उन्हे अपनी आवाज़ के लिये तरसाया नहीं करते… Share on: