काजल लागे किरकिरी सुरमा सहा ना जाये Admin भैया दूज शायरी, इश्क << आह को चाहिये इक उम्र असर ... अभी हमारे हुनर का अंदाजा ... >> काजल लागे किरकिरीसुरमा सहा ना जाये..!!..जिस नैनन मेँ तू बसादूजा कौन समाय| Share on: