जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।
By January 7, 2018
जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है
और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है।
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है
और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है।
26754 viewsजिंदगी • Hindi