मंजिल भी उसकी थी
By April 18, 2018
मंजिल भी उसकी थी
रास्ता भी उसका था
एक मैं अकेला था
काफिला भी उसका था
साथ – साथ चलने की सोच भी उसकी थी
फ़िर रास्ता बदलने का फ़ैसला भी उसका था ! आज क्योँ अकेला हूँ? दिल सवाल करता है
लोग तो उसके थे पर क्या खुदा भी उसका था !
रास्ता भी उसका था
एक मैं अकेला था
काफिला भी उसका था
साथ – साथ चलने की सोच भी उसकी थी
फ़िर रास्ता बदलने का फ़ैसला भी उसका था ! आज क्योँ अकेला हूँ? दिल सवाल करता है
लोग तो उसके थे पर क्या खुदा भी उसका था !
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