मेरी जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार निकला Admin हिन्दी जिंदगी शायरी, प्रेम << अब तो सजाएं बन चुकीं है ग... इश्क का समंदर भी क्या समं... >> मेरी जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदारनिकला..मैं हारा भी तो अपनी हीं "रानी" से.. Share on: