मिली थी जिन्दगी किसी के 'काम' आने के लिए Admin जिन्दगी की सच्चाई शायरी, रिश्ते << रिश्ते चाहे कितने भी बुरे... आप वो फूल हो जो गुलशन में... >> मिली थी जिन्दगीकिसी के 'काम' आने के लिए..पर वक्त बित रहा हैकागज के टुकड़े कमाने के लिए.. क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..'और ये मौत के फ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते...! Share on: