दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला वही अंदाज़ है Mohd Furqan (Furqan write) Furqan , Bewafa दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला वही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला Share on: