अलग होने पे आमादा हुआ है

By May 23, 2021
अलग होने पे आमादा हुआ है यक़ीनन दुख बहुत ज़ियादा हुआ है बिछड़ कर बाग़ से भँवरे ने पूछा ये गुल क्यों सूख कर काँटा हुआ है परिंदे को ख़बर पहुँचाऊँ कैसे शजर में जाल इक डाला हुआ है मैं केवल रूह छू पाऊँगा उस की यही शुरूआ'त में वा'दा हुआ है महज़ क़स्में वो खाए जा रहा है बदन पर झूट को लादा हुआ है मोहब्बत का यही हासिल रहा है मोहब्बत करके पछतावा हुआ है Om Awasthi
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