जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती है Admin Dard << दरवाजा न सही नीलाम कुछ इस कदर हुए >> जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती है,कभी उसी ने कहा था “तुम” जैसे भी हो...मेरे हो... Share on: