लफ्ज़ो से कह नहीं सकता ये बात बहोत गंभीर है

By January 21, 2023
लफ्ज़ो से कह नहीं सकता ये बात बहोत गंभीर है उसकी गली के बाहर उसकी पहचान का फकीर है फकीर का दर्द उसका मेहबूब भी समझ ना सका उस फकीर का मेहबूब भी कितना बेरहम बे-पीर है
0 viewsDardEnglish