आग लगी थी मेरे घर को एक सच्चे दोस्त ने पूछा Admin सच्ची शायरी, Dosti << अपनी ज़िंदगी के कुछ अलग ही... रिश्तों से बड़ी चाहत और क्... >> आग लगी थी मेरे घर को एक सच्चे दोस्त ने पूछा,"क्या बचा है?"मैने कहा, "मैं बच गया हूँ।"उसने गले लगाकर कहा, "फिर जला ही क्या है?" Share on: