मेरी बहोत सी खुशनुमा शामें बहोत पीछे छूट गई

By September 28, 2022
मेरी बहोत सी खुशनुमा शामें बहोत पीछे छूट गई उस दौर से जुड़ी हर एक डोर भी अब टूट गई ! हर दिन खामोशी से गुजर जाता है पर अंदर शोर होता है जान कर खुद के दिल को दिखाया मैंने इसलिए खुशियां रूठ गई !! Rajat Akela Dil
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