वो खिड़की अब खुलती ही नही जिसमे मेरा चाँद दिखता था
By September 28, 2022
वो खिड़की अब खुलती ही नही जिसमे मेरा चाँद दिखता था !
वो बाज़ार अब नही लगता जिसमे चाँद का ताज़ बिकता था !!
उस तवायफ ने भी नाचना छोड़ दिया वजह पूछी गयी तो
बोली
वो शख्स ही अब नही आता जो सिर्फ मेरे लिए बहकता था !!
Rajat Akela Dil
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