मुझे इतना भी मत घुमा ऐ ज़िन्दगी Admin हिचकियों पर शायरी, Funny << अर्ज़ किया है… बेइज़्ज़ती औ... मिर्ज़ा ग़ालिब: हमें तो अपन... >> मुझे इतना भी मत घुमा ऐ ज़िन्दगी,मैं शहर का शायर हूँ, mrf का टायर नहीं!—ऐ खुद, हिचकियों में कुछ तो फर्क डाला होताअब कैसे पता करूँ कि कौनसी वाली याद कर रही है.. Share on: