अपनी बेचारगी पे रो न सके

By davarka-das-sholaOctober 29, 2020
अपनी बेचारगी पे रो न सके
तेरे क्या होते अपने हो न सके
ज़िंदगी और वो भी माँगे की
हम नदामत का दाग़ धो न सके


ख़ुद-फ़रेबी की इंतिहा ये है
दिल सी बेकार शय भी खो न सके
ना-ख़ुदा के बग़ैर कुछ न बना
अपनी कश्ती भी ख़ुद डुबो न सके


16841 viewsghazalHindi