जिस ने भी दास्ताँ लिखी होगी

By shaista-yusufNovember 19, 2020
जिस ने भी दास्ताँ लिखी होगी
कुछ तो सच्चाई भी रही होगी
क्यूँ मिरे दर्द को यक़ीं है बहुत
तेरी आँखों में भी नमी होगी


क्या करूँ दूसरे जनम का मैं
ज़िंदगी कल भी अजनबी होगी
कितनी अंधी है आरज़ू मेरी
क्या कभी इस में रौशनी होगी


क़ैद से हो चुकी हूँ फिर आज़ाद
जाने किस ने गवाही दी होगी
11985 viewsghazalHindi