नहीं खेल बच्चों का खेती कोई

By sami-ahmad-samarMay 10, 2021
नहीं खेल बच्चों का खेती कोई
किसानों के ऊपर सितम की घड़ी
किसानों पे गर ज़ुल्म ढाएगा तू
न ज़ालिम रहेगी तिरी रहबरी


ये फ़िरक़ा-परस्तों का देखो करम
दिलों में न सब के मोहब्बत रही
कहाँ आ गए हम बता रहनुमा
धुएँ में है आठों पहर ज़िंदगी


ख़ुशी सब को हासिल हुई है कहाँ
ये महँगाई और छिन गई नौकरी
सियासत में रहबर मिला कर धरम
बनाई है हालत वतन की बुरी


दुआएँ करो अब ख़ुदा से 'समर'
सितमगर की जाए हुकूमत चली
11252 viewsghazalHindi