मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है! हम कोशिश भी ना करे ये

By April 18, 2018
मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है! हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है... जिन्दगी जख्मो से भरी है
वक्त को मरहम बनाना सीख लो
हारना तो है एक दिन मौत से
फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो..!! खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है


जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है
कुछ लोग ज़िंदगी में मिलते हैं ऐसे
जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है ! - हरिवंशराय बच्चन
36072 viewsPoetryHindi