अब मुझे बोलना नहीं पड़ता By Sher << हाए फिर फ़स्ल-ए-बहार आई &... कश्तियाँ डूब रही हैं कोई ... >> अब मुझे बोलना नहीं पड़ता अब मैं हर शख़्स की पुकार में हूँ Share on: