अपनी आँखें नहीं जलाऊंगी By Sher << तेज़ हवाएँ आँखों में तो र... कभी कभी सफ़र-ए-ज़िंदगी से... >> अपनी आँखें नहीं जलाऊंगी मैं ने बुझते चराग़ देखे हैं Share on: