सुख़न के कुछ तो गुहर मैं भी नज़्र करता चलूँ

By zubair-rizviNovember 30, 2020
सुख़न के कुछ तो गुहर मैं भी नज़्र करता चलूँ
अजब नहीं कि करें याद माह ओ साल मुझे
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