आज तो घर में कोई नहीं है आज तो खुल के रो लेंगे
By jamal-ehsaniFebruary 26, 2024
आज तो घर में कोई नहीं है आज तो खुल के रो लेंगे
रो रो कर थक जाएँगे तो पल दो पल को सो लेंगे
कब तक हम मशहूर रहेंगे नेक-अतवार-ओ-नेक-ख़िसाल
कब तक ये दीवार-ओ-दर भी आख़िर भेद न खोलेंगे
हर दीवार गिरा देंगे गर अपनी जान में जान रही
हाथ और पैर सलामत हैं तो सारे पत्थर ढो लेंगे
खेतों से बादल तक इक बरसात का फ़ासला हाइल है
या'नी जब तक फ़स्ल कटेगी हम तो बूढ़े हो लेंगे
रूखी-सूखी खा लेते हैं इस उम्मीद के साथ 'जमाल'
बारिश हो जाए तो हम भी अपनी रोटी भिगो लेंगे
रो रो कर थक जाएँगे तो पल दो पल को सो लेंगे
कब तक हम मशहूर रहेंगे नेक-अतवार-ओ-नेक-ख़िसाल
कब तक ये दीवार-ओ-दर भी आख़िर भेद न खोलेंगे
हर दीवार गिरा देंगे गर अपनी जान में जान रही
हाथ और पैर सलामत हैं तो सारे पत्थर ढो लेंगे
खेतों से बादल तक इक बरसात का फ़ासला हाइल है
या'नी जब तक फ़स्ल कटेगी हम तो बूढ़े हो लेंगे
रूखी-सूखी खा लेते हैं इस उम्मीद के साथ 'जमाल'
बारिश हो जाए तो हम भी अपनी रोटी भिगो लेंगे
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