आँखों में आँसुओं का गुज़ारा नहीं रहा

By abid-barelviDecember 2, 2024
आँखों में आँसुओं का गुज़ारा नहीं रहा
जब से बिछड़ के तू जो हमारा नहीं रहा
तुम ने भुला दिए वो मोहब्बत के सिलसिले
इक हम हैं उल्फ़तों से किनारा नहीं रहा


मंज़र हसीन ख़्वाबों से जब से बिखर गए
कोई भी फिर नज़र में दुबारा नहीं रहा
सारा जहान तेरी मोहब्बत में हार कर
कह दूँ मैं तुझ से कैसे ख़सारा नहीं रहा


फूलों की बात हो कि सितारों की ज़ात हो
किस पर तिरे करम का इशारा नहीं रहा
'आबिद' ये हम ने चाहा चराग़ों को फूँक दें
उस से बिछड़ के ये भी गवारा नहीं रहा


79026 viewsghazalHindi