आप कहते हैं नहीं मिलते दिल अफ़्साने में

By ruchi-daroliaFebruary 23, 2021
आप कहते हैं नहीं मिलते दिल अफ़्साने में
फिर से हम आ ही गए आप के बहलाने में
वो बरस बीत गया जिस में तुम्हें पाया था
उम्र गुज़रेगी इसे बारहा दोहराने में


फूल पर एक महकती हुई तितली देखी
क्या तुम्हें छू लिया उस ने कहीं अनजाने में
शर्त-ए-मौजूदगी दरकार नहीं उल्फ़त को
वक़्त ज़ाएअ' न कर आने में और जाने में


हर नफ़स तुम ही हो हर सम्त तुम्हारे जल्वे
लुत्फ़ इतना न था ऐ यार तुझे पाने में
चाँद को झील के पानी में उतारा लेकिन
आग पानी में लगा बैठे हैं अनजाने में


इश्क़ पर ज़ोर नहीं फिर भी लगे रहते हैं
हम कभी ख़ुद को कभी आप को समझाने में
81102 viewsghazalHindi