आप तीर-ओ-कमान वाले हैं
By mast-hafiz-rahmaniFebruary 27, 2024
आप तीर-ओ-कमान वाले हैं
हम तो उर्दू ज़बान वाले हैं
हम हैं मे'मार ऊँचे महलों के
फिर भी कच्चे मकान वाले हैं
मुतमइन हम हैं धूप में रह कर
ख़ुश नहीं साएबान वाले हैं
मस्लहत है जो चुप हैं लब अपने
वर्ना हम भी ज़बान वाले हैं
हम-सफ़र मेरे हो नहीं सकते
आप ऊँची उड़ान वाले हैं
ख़ाक हैं इस लिए हैं ख़ाक-नशीं
वर्ना हम आसमान वाले हैं
'मस्त' निस्बत है 'मीर'-ओ-'ग़ालिब' से
हम भी हिन्दोस्तान वाले हैं
हम तो उर्दू ज़बान वाले हैं
हम हैं मे'मार ऊँचे महलों के
फिर भी कच्चे मकान वाले हैं
मुतमइन हम हैं धूप में रह कर
ख़ुश नहीं साएबान वाले हैं
मस्लहत है जो चुप हैं लब अपने
वर्ना हम भी ज़बान वाले हैं
हम-सफ़र मेरे हो नहीं सकते
आप ऊँची उड़ान वाले हैं
ख़ाक हैं इस लिए हैं ख़ाक-नशीं
वर्ना हम आसमान वाले हैं
'मस्त' निस्बत है 'मीर'-ओ-'ग़ालिब' से
हम भी हिन्दोस्तान वाले हैं
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